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10 अगस्त 2017

पूर्व केंद्रीय मंत्री सांवरमल जाट के निधन पर अफ़सोस हुआ ,उनके निधन पर अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि

पूर्व केंद्रीय मंत्री सांवरमल जाट के निधन पर अफ़सोस हुआ ,उनके निधन पर अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि ,,,प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस सुप्रीमो सचिन पायलेट का इस अंत्येष्ठि में शामिल होने से कांग्रेस के विशाल ह्रदय और संस्कृति की महानता भी झलकती है ,पिछले दिनों मित्रो की एक डिबेट में पूर्व मंत्री ललितचतुर्वेदी की बरसी पर दो शब्द लिखने पर आपत्ति जताने वालो से मेरा निवेदन है यह ,,कांग्रेस कल्चर है ,किसी के दुःख में शामिल होना ,,किसी मृतात्मा की महानता को स्वीकार करना ,,यह सियासत नहीं यह मानवता है ,,,,,,,,,,,खेर सांवर मल जाट अजमेर से सांसद थे ,,भाजपा से चुनाव जीते थे ,हमारे आदरणीय सुप्रीमो सचिन पायलेट ने लोकतान्त्रिक तरीके से अपनी हार स्वीकार भी की थी ,,हार जीत ,,चुनाव में लोकतंत्र का एक हिस्सा है ,,क्योंकि इन सचिन पायलेट के नेतृत्व में ही ,,हमारी कांग्रेस ने कुछ दिनों बाद ही विधानसभा उपचुनाव में चार सीटों में से ,,अजमेर संसदीय क्षेत्र की नसीराबाद सीट सहित तीन सीटों पर क़ब्ज़ा किया था ,,अब निश्चित तोर पर अजमेर लोकसभा क्षेत्र में सीट खाली हो जाने से ,छह माह के भीतर ,,,यहाँ लोकसभा चुनाव होना तय है ,,कांग्रेस वर्तमान हालातो में निराशा के दौर से गुज़र कर ,,सचिन पायलेट के नेतृत्व में उत्साहित है ,,मज़बूत है ,,एक जुट है ,,वर्तमान हालातो में सचिन पॉयलेट के सुप्रीमो अंदाज़ को प्रदेश की जनता ने बेहिचक स्वीकार किया है ,,इसका प्रमाण ,,पंचायत और नगर पालिका चुनाव में आम जनता ने हमे बहुमत देकर साबित भी कर दिया है ,,अजमेर लोकसभा उप चुनाव जहाँ से सचिन पायलेट खुद चुनाव लड़ते रहे है ,,जो उनका अपना संसदीय क्षेत्र रहा है ,,जिस लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर खुद सचिन पायलेट केंद्रीय मंत्री रहकर पुरे देश में संचार क्रान्ति के पुरोद्धार रहे है ,,,,ऐसे हालातो में अब अजमेर लोकसभा क्षेत्र का यह उपचुनाव ,,कांग्रेस कार्यकर्ताओ को उत्साहित कर देने वाला है ,,कांग्रेस कार्यकर्ताओ के लिए यह उपचुनाव ,,,इस रिचार्ज हुई कांग्रेस के उत्साहित काल में अपनी एक जुटता ,,अपनी शक्ति प्रदर्शन कर ,,,कांग्रेस की जीत की शुरआत का संकेत है ,,,,सांवरमल जाट का निधन अजमेर ,,भाजपा और सभी के लिए अफसोसनाक है ,,लेकिन सियासत का अपना नियम ,अपने सिद्धांत है ,,लोकतंत्र की मजबूरी है उपचुनाव ,,अजमेर लोकसभा के छह माह में होकर ही रहेंगे ,,ऐसे में कांग्रेस को इस मुद्दे को इसी रणनीति के तहत अभी से चर्चा करना होगा ,,अभी से सोचना समझना होगा ,,और भाजपा ने जो केंद्रीय नेतृत्व जिस तरह खो दिया है ,,केंद्रीय मंत्रिमंडल के नेतृत्व हिसेदार होने पर भी उन्हें केंद्रीय मंत्री का हक़ छीन कर ,,राजस्थान के किसान आयोग का चेयरमेन बनवाकर ,,,एक सांसद ,,अजमेर की जनता और राजस्थान के नेतृत्व का जो अपमान किया था ,,उसे भी सोचने समझने का यह वक़्त है ,,क्योंकि किसान आयोग का अध्यक्ष तो किसी भी वरिष्ठ कार्यकर्ता को बनाया जा सकता था ,,लेकिन क्या वजह रही के एक केंद्रीय मंत्री के हक़दार ,,,बेहतरीन ईमानदार हर दिल अज़ीज़ ,सांसद,,सांवर मल जाट की उपेक्षा की गयी और उनकी उपेक्षा के बाद ,,राजस्थान नेतृत्व को उनको सम्मान देने के लिए उन्हें राजस्थान के किसान आयोग का अध्यक्ष बनाकर इतिश्री करना पढ़ी ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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