वकील साथियों ,,,कहाँ है आपका शीर्ष नेतृत्व ,,कहाँ है ,,,आपके वोटो से
निर्वाचित वोह लोग ,,जिन्होंने ,,,राजस्थान के वकीलों के खिलाफ ,,उन्हें
परेशांन करने के लिए कई व्यवस्थाएं दी ,,कहा है वोह नेतृत्व ,,जो बार
कौंसिल जैस लोकतांत्रिक संस्था में प्रशासक लगाकर ,दो वर्ष से भी अधिक वक़्त
गुज़रने ,,सुप्रीम कोर्ट के आदेश होने के बाद भी अब तक चुनाव नहीं करवा पा
रहे है ,,,,वकील साथियों ,,जांचो परखो ,,स्थानीय ,,क्षेत्रीय समस्याओ के
साथ साथ ,,वकीलों के स्वाभिमान ,,अभिमान ,,सुरक्षा को इस चुनाव में मुद्दा
बनाओ ,,,जोधपुर में वरिष्ठ वकील ,,सुराणा साहिब की बांह पकड़ कर ,,एक अदना
सा पुलिस निरीक्षक ,,उन्हें धक्के मारता है ,,,एक पुलिसकर्मी ,,फौजदारी
मुक़दमे में गवाह बने ,,नोटेरी वकील को ,,नोटेरी अधिनियम सहित हाईकोर्ट के
निर्देशों का उलंग्घन कर ,,,आतंकवादियों की तरह से पकड़ कर ले जाता है
,,कोटा की अदालत में हंगामा होता है तो ,,सादुलपुर चूरू अदालत के ,,कोर्ट
रूम में फायरिंग ,,कर अपराधी लोग ,,जज और वकीलों में दहशत का माहौल बनाते
है ,,हर जिला विधिक न्यायिक प्राधिकरण ,,अपने सिस्टम से ,,कई सालो से
प्रतिदिन राजस्थान के हर शहर ,हर गली में अखबारी खबरों के अनुसार ,,विधिक
शिविर लगाकर लोगो को साक्षर कर रहे है ,लेकिन पड़ोसी को भी पता नहीं शिविर
कब लगा ,,,अदालते है तो परिसर नहीं ,,परिसर है तो अदालते नहीं ,,,अदालतों
में जज नहीं ,,,,अदालतों से कई किलोमीटर फासले पर इधर उधर बिखरी पढ़ी
अदालतें है ,,, वकील पक्षकार परेशांन है ,,,,जज ,वकील पदाधिकारियों की बैठक
में ,,जिला स्तर से लेकर ,,प्रदेश स्तर तक कोई ठोस विचारविमर्श कर मुद्दों
को सुलझाने के लिए वार्ताएं नहीं ,,इंस्पेक्टिंग जज की ज़िलों में वकीलों
को बुलाकर कोई सुझाव ,,कोई जनसुनवाई कार्यक्रम नहीं ,,,,वकीलों को पेंशन
,,सुविधा ,,ऋण सुविधा ,,लाइब्रेरी सुविधा ,,,कार्यालय व्यवस्था के लिए
आर्थिक मदद नहीं ,,,विधि मंत्री ,,विधायक ,,सरकारें इस तरफ गंभीर नहीं
,,अदालतों में वकीलों के बैठने के लिए चेंबर ,,नहीं ,,बैठने के लिए तख्ता
लगाने की जगह भी नहीं ,,,,वकीलों को प्रशिक्षण ,,वकीलों को प्रतियोगी
परीक्षाओ के लिए कोचिंग व्यवस्था नहीं ,,क्या है हम वकीलों के पास ,,सिवाए
परेशानी ,,चेहरे पर तनाव ,,समाज कंटकों का खौफ ,,,आपसी विवाद ,,सियासत
,में फंसी हमारी विचारधारा ,,,वकील साथियों ,,पुरानी घटनाये ,,जज
,,अधिकारियो ,,सरकार के व्यवहार को समझिये ,,,,,हाईकोर्ट की सुनवाई का
विकेन्द्रीकरण नहीं ,,इस कार्ययोजना के पीछे का सच समझिये ,,,आने वाले वर्ष
2017 में ,,चमचे ,,चापलूस नहीं ,,ऐसे सक्रिय लोग ,,,जो अब तक ,,आपके
हमदर्द बने ,है ,,आपके दुःख दर्द से जुड़े है ,,,आपके दर्द को बाँट रहे है
,,उस दर्द के खिलाफ आवाज़ उठा रहे है ,,,वोह लोग जो आपके साथ नहीं है ,सिर्फ
आपके वोट के साथ है ,,आपके हमदर्द सिर्फ और सिर्फ चुनावों में बनते है
,,घर घर आते है ,पार्टियां देते है ,,भोज आयोजित करते है ,,,प्यार जताते है
,,या तो ऐसे लोगो को फिर चुन ले ,,या फिर वोह लोग ,,जो बार कौंसिल में
बैठकर ,,वकीलों के खिलाफ लिए गए अब तक के सभी फैसले रद्द कर दे ,,वकीलों
के कल्याण के लिए ,शैक्षणिक ,,प्रशिक्षण ,,रोज़गार ,,पेंशन ,,पारिवारिक
सुविधाओं सहित ,,उनके एकेडमिक ,,साहित्यिक ,,कार्यालय व्यवस्था
,,,ज्ञानवर्धन ,,स्वाभिमान ,,अभिमान के लिए जो भी सामने हो उससे टकराने
वाला हो ,,वरना आपको समझौता करने वाले ,,सरकारी पदों पर जाने वाले ,,जज की
लाइन में लगने वाले ,,समझौता करने वाले ,, वकीलों के खिलाफ बन रही नीतियों
में हाँ में हाँ मिलाने वाले तो बहुत देख लिए ,अब हमे देखिये ,,,,,,एडवोकेट
अख्तर खान अकेला ,,प्रत्याक्षी बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान न्यायालय परिसर
कोटा राजस्थान ,,
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